۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
आयतुल्लाह आराफ़ी

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने इज़राइली ज़ालिम हुकूमत की ओर से मरजइयत की तौहीन की निंदा करते हुए कहा,मराजय इकराम की अज़मत मुकद्दस हैसियत किसी भी प्रकार की तौहीन मुसलमान उम्मत और दुनिया के आज़ाद इंसानों के गुस्से का तूफ़ान लेकर आएगी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा अराफ़ी का मरजइयत (धर्मगुरुओं) के बचाव में और ज़ालिम, नापाक, और बच्चों के क़ातिल ज़ायोनी हुकूमत को दी गई चेतावनी पर आधारित पूरा बयान निम्नलिखित है:

وَمَا نَقَمُوا مِنْهُمْ إِلَّا أَنْ یُؤْمِنُوا بِاللَّهِ الْعَزِیزِ الْحَمِیدِ

ज़ायोनी ज़ालिम और नीच हुकूमत ने इस्लाम और  शिया समुदाय के बुज़ुर्गों की खुली तौहीन करते हुए और उनकी हत्या के लिए मराजय ए अज़ाम-ए-तकलीद और फ़ी सबीलिल्लाह (अल्लाह की राह में) जिहाद करने वाले मुजाहिदीन की तस्वीरों को निशाना बनाते हुए पेश किया है इस अमल के ज़रिए उन्होंने अपनी बेहयाई की हदें पार कर दी हैं।

मराजय ए अज़ाम दामत बरकातुहुम अल्लाह के नबियों और औलियाओं के नूरानी रास्ते की सिलसिलेवार सबसे बड़ी रहनुमाई करने वाली हस्तियाँ हैं जो उम्मत-ए-इस्लामिया और इंसानियत की भलाई और हिफ़ाज़त करने वाले हैं।

उनका मुसलमान उम्मत में बेमिसाल और बुलंद मकाम है और मुसलमान उनकी हिफ़ाज़त को अपने फराइज़ में से एक समझते हैं।

मराजय ए अज़ाम और उलमाय इकराम (धर्मगुरु), ख़ास तौर पर यह दो नूरानी चेहरे, उम्मत-ए-इस्लामिया और दुनिया के आज़ाद लोगों के दिलों में बेपनाह इज़्ज़त और मकाम रखते हैं। उनकी मुकद्दस हैसियत किसी भी तौहीन का नतीजा दुनिया के आज़ाद इंसानों और मुसलमान उम्मत के शदीद ग़ुस्से की सूरत में सामने आएगा।

मक़ाम-ए-मुअज़्ज़म रहबरी  आयतुल्लाहिल उज़मा इमाम ख़ामेनेई और हुज़ूर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी की तस्वीरों की इस तरह तौहीन करना एक खुली गुस्ताख़ी है जो इस हुकूमत के रहनुमाओं की जुनूनियत और बेवकूफ़ी को दर्शाता है और इस ग़ासिब हुकूमत की ज़वाल पतन की तरफ़ बढ़ती ज़ालिम और ग़ैरइंसानी हक़ीक़त को सामने लाता है।

हौज़ा ए इल्मिया इस गुस्ताख़ाना अमल की कड़ी मज़म्मत (निंदा) करते हुए ऐलान करता है कि ज़ायोनी आक्रामक हुकूमत का यह घिनौना अमल बे जवाब नहीं रहेगा और उम्मत ए इस्लामिया भी इस गुस्ताख़ी का जवाब दिए बिना नहीं रहेगी।

क़ुम ए मुक़द्दस, नजफ़ ए अशरफ़ और दुनिया भर के हौज़ात-ए-इल्मिया यूनिवर्सिटियाँ इल्मी इदारे  और उम्मत ए इस्लामिया इस गुस्ताख़ी की कड़ी मज़म्मत करते हुए, बैनउल अक़वामी तंज़ीमों  इल्मी और सक़ाफ़ती महाफिल और मुख्तलिफ़ अदीयान व मज़ाहिब मजहबी फिरकों के उलमा (धर्मगुरुओं) से पुरज़ोर मुतालबा करती हैं कि वह ऐसी घटिया हरकतों के सामने खामोश न बैठें और इल्म, अखलाक़ और रूहानियत का दिफ़ा करें।

हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख:
अली रज़ा अराफ़ी

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